शंकरगढ़ एक परिचय
इलाहाबाद शहर से ४० किलोमीटर दूर एक छोटा सा क़स्बा शंकरगढ़ , जन्हा विकाश दूर -दूर तक नही दिखता। इस छोटे से नगर का दुर्भाग्य कहें या राजनीति की कमजोरी आजादी के ६० वर्ष बाद भी विकाश रूपी सूर्य अपनी एक किरण भी नही दे पाया। कितनी पंचवर्षीय योजनाये आई और गई मगर आज भी बच्चे यंहा उच्य शिक्षा के लिए बड़े शहरो पर निर्भर है। शंकरगढ़ मेरी जन्मभूमि है , इस ब्लॉग को लिखने का मेरा मकसद केवल इतना है की मैं अपने छोटे से कस्बे को दुनिया भर के लोगो से परचित करा सकू। मैं अपने स्तर पर तो शायद इस के लिए कुछ नही कर सकता पर यंहा की जन समस्याओ को लोगो तक पंहुचाना मेरा फर्ज है। मैं अपने इस ब्लॉग में अपने इस छोटे से कसबे की खाशियत भी आप सब से शेयर करूँगा.
श्रीश पाण्डेय
शंकरगढ़
शंकरगढ़
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